
प्रीपेड स्मार्ट मीटर हटाओ जन जागरण अभियान" चलाने जा रही है
सोमवार को जमुई कांग्रेस भवन में स्मार्ट मीटर के विरोध में किया गया बैठक। बैठक में डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह सांसद अध्यक्ष बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का किया गया भव्य स्वागत स्वागत के बाद सांसद ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि बिहार में मोदी नीतीश की सरकार, पूरे प्रदेश में पुराने बिजली के मीटर को हटा कर नया प्रीपेड मीटर के नाम से लग रही है। पर इस स्मार्ट मीटर में कई बड़ी खामियां है। स्मार्ट मोटर लगाने वाली एजेंसी और सरकार षड्यंत्र रच कर, आम जनता को लूटने का काम कर रही है और बिजली देने के बदले जबरन अधिक राशि वसूल रही है। चूंकि ये स्मार्ट मीटर है,
इसलिए इसमें घर-घर जाफर बिजली का बिल देखने की व्यवस्था नहीं है। इसे केन्द्रीयकृत तरीके से सचालित किया जा रहा है और मनमाना ढंग से पैसे की वसूली की जारही है। इस प्रिपेड व्यवस्था से उपभोक्ताओं को कई तरह कि कठिनाईयों का सामना करना पर रहा है। इस व्यवस्था के जरिये पूरी तरह से लूट तंत्र का माहोल बन गया है। बिना सूचना दिये बिजली काट दिए जाने की घटनाएँ आये दिन घट रही है, जो कि एक अमानवीय कृत्य है। ज्ञात हो कि दूनिया में कोई भी सेवा प्रदाता, सेवा देने के उपरांत ही सेवा शुल्क का भुगतान मांगता है, फिर बिहार सरकार के बिजली विभाग को सेवा देने से पूर्व ही भुगतान क्यूँ चाहिए?
इसके पिछे डबल इंजन सरकार की मशा सिर्फ यही है कि यदि पैसा पहले ले लें और उसके बाद मनमाने ढंग से कटौती कर लें, तो जनता जाएगी कहाँ?
स्मार्ट मीटर में किस दर से बिजली की कटीली होती है इसका कोई लेखा-जोखा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाता है. मजबूरन बिहार के उपभोक्ता, मनमाने बिल का भुगतान करने को विवश हैं। स्मार्ट मीटर में अधिक बिल कटौती के लिए कोई समाधान सेल (Grievance Cell) नहीं बनाया गया है और न ही इन समस्याओं को पारद तरीके से सुनने की कोई व्यवस्था भी की गई है। यह मोदी-नीतीश सरकार की भविष्य में बिहार की गरीब जनता से प्रतिवर्ष लगभग 10000 हजार करोड़ रुपए लुटने की योजना है, जो तीव्र गति से कार्यान्वित होती जा रही है। सरकारी अधिकारी और अडानी जैसे स्मार्ट मीटर की एजेंसी के द्वारा मिलकर जनता के गाड़ी कमाई को लूटने की योजना के तहत, जबरन जनता पर यह स्मार्ट मीटर यीजना थोपना, सरकार के अधिनायकबाद एव हिटलर शाही प्रकृति को परिलक्षित करता है। माननीय उच्चतम न्यायालय के अनुसार बिजली उपभोक्ताओं के सहमति से ही, प्रीपेड स्मार्ट मीटर बिजली विभाग लगा सकती है. लेकिन बिहार में बिजली विभाग माननीय न्यायालय के आदेश को भी अनदेखा करते हुए, जबरदस्ती सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है। बिजली विभाग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अब अनिवार्य कर दिया है,
जो लोग नहीं लगाना चाहते हैं. उनके साथ जबरदस्ती की जा रही है और न लग पाने के क्रम में बिजली उपभोक्ताओं पर थाने में केर/शिकायत भी दर्ज करवा रही है। इन सभी समस्याओं को गंभीर संज्ञान लेते हुए, कांग्रेस पार्टी जनहित में इसका पुरजोर विरोध करती है। तथा माँग करती है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर को हटा कर पाहले की तरह पोस्टपेड मीटर को ही सभी घरों में लगाया जाए। प्रीपेड स्मार्ट पीटर के खिलाफ, विहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी अभियान चलाया जा रहा है। तथा इसको और भी गतिशील बनाने के लिए काग्रेस पार्टी, और यह भी घोषणा करती है कि हमारी सरकार के बिहार में आते ही, प्रत्येक घर को 200 पुनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी।
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