
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा नाले का निर्माण, डीएम कार्यालय से कुछ ही दूरी पर घटिया ईट का इस्तेमाल
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जमुई नगर परिषद क्षेत्र में गीतांजलि मिठाई दुकान से जिला मुख्यालय तक बन रहे नाले को लेकर लोगों में आक्रोश है। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा तीन नंबर ईट का इस्तेमाल किया जा रहा है और न ही कहीं बोर्ड लगाया गया है, जिससे यह जानकारी मिल सके कि कितनी लागत से और कहां तक नाला बनाया जा रहा है। बता दे की नाला बनने से लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला था कि जिस प्रकार से हल्की सी बारिश में होने पर पानी जमा हो जाता था नाला बनने के बाद याह नजारा देखने को नहीं मिलता लेकिन काम शुरू होने के बाद ही भ्रष्टाचार के हत्थे चढ़ गए नाले।
स्थानीय फल दुकानदार रमेश कुमार ने कहा कि गुणवत्ता देखकर नहीं लगता कि यह नाला छह महीने भी टिक पाएगा। वहीं यात्री मुकेश कुमार ने सवाल उठाया कि जब डीएम कार्यालय और नगर परिषद कार्यालय के पास इस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी।
राहुल कुमार का कहना है कि डीएम साहब के कार्यालय से सटे होने के बावजूद ठेकेदारों और अधिकारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि खुल्लमखुल्ला घटिया काम कर रहे हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि नगर परिषद और ठेकेदारों की मिलीभगत से जैसे-तैसे निर्माण कराया जा रहा है। स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा के पास बन रहे नाले में भी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
JE सोनी कुमारी ने कहा कि वह नगर का भ्रमण कर रही हैं और शिकायत की जांच कर कार्रवाई करेंगी। वहीं SDO रूपेश कुमार ने बताया कि उन्होंने जांच के लिए JE को भेजा है, लेकिन निर्माण की लागत और राशि की जानकारी देने में वह असमर्थ रहे। जिले के बड़े पदाधिकारियों के दफ्तर के ठीक पास चल रहे इस घटिया निर्माण कार्य ने बुडको और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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