
जमुई में बालू का अवैध कारोबार बेखौफ जारी, प्रशासन बना मूकदर्शक
Monday
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जमुई जिले में अवैध बालू कारोबार का खेल अब खुलकर सामने आ रहा है। आम लोगों की आवाज़ बन चुकी यह हकीकत बताती है कि जिले में बालू माफियाओं का राज चल रहा है। शहर के डीएम और एसपी आवास के बगल से जब खुलेआम बालू की गाड़ियां गुजरती हैं और कोई रोकने वाला नहीं है, तो अन्य प्रखंडों की स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
खैरमा से लेकर त्रिपुरारी घाट तक और दौलतपुर में तो हालत यह है कि रोज़ाना 15 से 20 गाड़ियां एक साथ चलती हैं, लेकिन प्रशासन की नजर नहीं पड़ती। लोगों का आरोप है कि नगर थाना अध्यक्ष, डीएसपी, एसडीओ और खनन विभाग के पदाधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं। ग्रामीण इलाकों में भी बालू का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। बीस सूत्री समिति की बैठक में भी बालू स्टॉक पर सवाल उठे, लेकिन विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर कागजों में सब कुछ सही दर्शा दिया। हकीकत यह है कि जमीन पर स्थिति बिल्कुल अलग है।
खनन विभाग के तीन इंस्पेक्टर और जिला खनन पदाधिकारी अब तक कितनी बालू की गाड़ियां पकड़ पाए हैं, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। आम लोगों का कहना है कि चांदी की खनक में सारे नियम दब चुके हैं और प्रशासन बालू माफियाओं के सामने पूरी तरह पंगु हो चुका है।
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