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 9 महीने में ही सड़क का हाल हुआ बेहाल

9 महीने में ही सड़क का हाल हुआ बेहाल



अगर कोई गलत साबित कर दे तो अभी का अभी मैं दे दूंगा इस्तीफा मुखिया पति 
जमुई नगर परिषद हर समय चर्चा में बना रहता है। नगर परिषद के 30 वार्ड में सड़क व नाले का काम तो किया जा रहा है लेकिन सड़क व नाले की काम सही से नहीं हो रहा है काम में काफी लूट खसोट हो रही है। काम में अधिकारी से लेकर वार्ड मेंबर तक की मिली भगत है जिसके कारण शहर के सड़क व नाला टिकाऊ नहीं है।आज दिन नगर परिषद में अजीबो गरीब मामला सामने आते रहता है।

सड़क नाले का निर्माण लोगों के सुविधाओं के लिए बनाया जाता है लेकिन बिहार के जमुई जिला स्थित जमुई नगर परिषद में 30 वार्ड है। सरकार एवं जनप्रतिनिधि के द्वारा विकास के कार्य को बढ़ चढ़कर धरातल पर उतरने का प्रयास किया जाता है लेकिन विकास का कार्य धरातल पर आते-आते विकास कई हिस्सों में बट जाता है। ताजा मामला जमुई नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 का है। जहां अंतरिक मुद्रांक शुल्क मद योजना से दामोदर ठाकुर के घर से प्रेम ठाकुर के घर तक पीसीसी एवं ढक्कन सहित नाले का निर्माण करवाया गया। योजना संख्या 84/2023-24 जहां कार्य को देखरेख JE अनुज कुमार के द्वारा किया जा रहा था। रोड का निर्माण कार्य लगभग 7 लाख 26300 का था। कार्य संपन्न तो हो गया लेकिन महज 10 से 11 महीने में ही सड़क दम तोड़ रहा है। सड़क पर जल जमाव भी नहीं हुआ उसके बावजूद भी जमुई नगर परिषद में करवाए गए कार्य चिख चिख कर बदहाली की हाल सुना रही है। जहां रोड और नाले के कार्य होने के बाद गिट्टी देखना शुरू हो गया है। सड़क का हालत देखते ही हर कोई कार्य पर बड़ा सवाल उठा रहे हैं। कार्य में काफी अनियमितता देखा जा रहा है। सरकार के द्वारा जो पैसा आया था। उसे भी निकाल लिया गया तो फिर यह सड़क ऐसा क्यों, आखिर नगर परिषद में ही इस प्रकार का कार्य क्यों होता है। वार्ड नंबर 14 की जैसे शहर के और कई वार्ड है। जहां पर बिना टेंडर बिना किसी के जानकारी के सड़क और नाले बनाया जा रहा है और बाद में उसका टेंडर और एस्टीमेट का कार्य किया जा रहा है। यह तो एक बानगी हैं। वही इस मामले को लेकर स्थानीय लोग एवं लेबर के ठेकेदार के रूप में कार्य किए प्रेम ठाकुर ने बताया कि यह रोड का काम जनवरी में शुरू किया गया था और फरवरी में ढलाई का काम पूरा किया गया। साथ ही जो मुखिया सीमेंट लाकर दिए थे उसी से रोड की ढलाई किया गया। वहीं कुछ लोग दबे जुवान कहा की जमुई नगर परिषद के पदाधिकारी डॉक्टर प्रियंका गुप्ता को आने से ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों का मनमानी कम हो गया था। विकास के काम पर उनके द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा था। उसके बाद भी ऐसे इंजीनियर और ठेकेदार पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं किया जा रहा है। वहीं वार्ड नंबर 14 के मुखिया पति गौतम कुमार से पूछा गया कि लगभग 9 से 10 महीने में ही सड़क पर गड्डा और गिट्टी दिखने लगा है तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। रोड बिल्कुल सही है अगर इसे कोई साबित कर देगा तो हम अभी का अभी इस्तीफा दे देंगे।

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