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आदिवासियों के वनाधिकार कानून को लेकर सड़क से सदन तक करेंगे आंदोलन-विधायक

आदिवासियों के वनाधिकार कानून को लेकर सड़क से सदन तक करेंगे आंदोलन-विधायक



बनाधिकार कानून 2008 को लागू करो, बिहार सरकार द्वारा बन्दोबस्ती पर्चा वाले जमीन पर वन विभाग का दावा वापस लेने के और वन पदाधिकारी और लकड़ी मिल संचालक के सह मेल से जंगल नष्ट कर मुनाफे कमाने के खिलाफ हजारों आदिवसियों ने जल जंगल जमीन को बचाने के लिए भाकपा माले के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया प्रदर्शन कारी भाकपा माले के युबा नेता बाबू साहब सिंह के नेतृत्व में जबाहर हाई स्कूल से हजारों की तयदात में  बनाधिकार कानून को लागू करो,स्वतन्त्रा आंदोलन के नायक और और आदिवसियों का (भगवान) बिरसा मुंडा,का जिला मुख्यालय में मूर्ति अनावरण के लिए स्थान सुनिश्चित करो और जल जंगल जमीन हम लेके रहेंगे  इत्यादि नारे लगाते हुए बोधवन तलाब, अस्पताल रोड, महराजगंज, होते हुए कचहरी चौक स्थित अम्बेडकर मूर्ति पर भाकपा माले के विधायक बीरेंद्र गुप्ता द्वारा माल्यार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासि समाज अपनी जल जंगल जमीन के सवाल को लेकर लम्बी लड़ाई और शहादते देने के बाद जो बनाधिकार 2008 में जिस उद्देश्य के लिए बना गया था कि सैकड़ो वर्षो से घने जंगलो में बसे आदिवसी हो या गैर आदिवासीयो रहने और खेती करने के लिए उनलोगों को जमीन का पट्टा दिया जाना था लेकिन आज जमुई सहित सम्पूर्ण बिहार में लाखों ऐसे परिवार जो विकास की रौशनी से कोसो दूर घने जंगलों में सैकड़ों वर्षों से बसे उसे उनका वास्तविक हक नही देकर उल्टे मोदी सरकार वन संरक्षण नियम, 2022 लेकर आई है, जिसका लक्ष्य देश के जंगलों को पूंजीपतियों के हवाले करना है। देश की जमीनें, सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों, बैंक बीमा आदि के विनिवेश के बाद कॉरपोरेट व बहुराष्ट्रीय निगमों की गिद्ध दृष्टि अब जंगलों पर लग गई है। वे अब जंगलों को भी अपनी निजी मिल्कियत बनाना चाहते हैं,

उनसे और अधिक मुनाफा अर्जित करना चाहते हैं।आगे उन्होंने कहा सरकार आदिवासियों को वनाधिकार कानून के तहत अगर जमीन का कानूनी अधिकार सुनिश्चित नही करेगी तो हमारी पार्टी इस सवाल को राज्य भर के सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन चलाया जाएगा वही भाकपा माले के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने कहा कि जिला भर में लगभग एक लाख से अधिक आदिवासी समाज के लोग जंगल मे बसे है आजादी के सत्तर साल और बनाधिकार कानून बने हुए डेढ़ दशक बाद भी आदिवसियों को उनका अधिकार नही मिलना मोदी सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा एक छलाबा है धरनार्थियों से मांग पत्र  लेने सहायक अनुमंडल पदाधिकारी धरना स्थल पर पहुँच कर तीन सूत्री मांग पत्र लिया माँग को जायज बताते हुए उन्होंने कहा    आपकी बात को सरकार तक भेजेगे मौके पर किसान आदिवासी नेता कल्लू मरांडी,मनोज पांडये,कंचन रजक,मो हैदर ब्रमदेव ठाकुर,गुलटन पुजहर,रमेश यादव,संजय राय खूबलाल राणा,बुधन हेम्ब्रम, राजकुमार हेम्ब्रम, राजकिशोर किसको बासुदेव हादसा सलीम अंसारी,सहित हजारो की संख्या में महिला और पुरुष उपस्थित थे


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