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7 लीटर शराब बरामदगी मामले में महिला व पुरुष को 6-6 वर्ष की सजा, दो-दो लाख का जुर्माना

7 लीटर शराब बरामदगी मामले में महिला व पुरुष को 6-6 वर्ष की सजा, दो-दो लाख का जुर्माना



जमुई के उत्पाद मामलों के विशेष न्यायाधीश संजीव कुमार ने 7 लीटर शराब बरामदगी के एक मामले में महिला एवं पुरुष को दोषी करार देते हुए 6-6 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने दोनों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में दोषियों को अतिरिक्त दो वर्ष का कारावास भुगतना होगा। सरकार की ओर से उत्पाद मामलों के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार ने प्रभावी ढंग से पक्ष रखा, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रसिद्ध नारायण सिंह एवं रामचंद्र रविदास ने न्यायालय के समक्ष अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं। न्यायालय ने गवाहों के बयान एवं उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रामदेव दास एवं संजू देवी, दोनों निवासी ग्राम नजारी, थाना लक्ष्मीपुर, को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम की धारा 30(ए) के तहत दोषी पाते हुए सजा सुनाई। मामले के अनुसार, 4 मार्च 2021 को उत्पाद विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर नजारी रविदास टोला में छापेमारी की थी। इस दौरान एक पुरुष को एक महिला के हाथ में थैली देते हुए देखा गया।

संदेह के आधार पर दोनों को पकड़कर तलाशी ली गई, जिसमें तीन दो-लीटर की बोतल एवं एक एक-लीटर की बोतल में कुल 7 लीटर महुआ देसी शराब बरामद की गई। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि शराब पीने, बनाने अथवा तस्करी के मामलों में केवल जुर्माना देकर छूट मिलने की आम धारणा गलत है। न्यायालय में यदि मामले की निष्पक्ष एवं सटीक सुनवाई होती है, तो कम मात्रा में शराब बरामदगी के मामलों में भी कठोर सजा दी जा सकती है। पहले अपराध की तुलना में पुनरावृत्ति की स्थिति में सजा कहीं अधिक कठोर हो जाती है। हालांकि यह भी एक सच्चाई है कि शराब के बड़े तस्कर एवं माफिया कई मामलों में अपेक्षाकृत कम सजा पाने में सफल हो जाते हैं, जो कानून प्रवर्तन के समक्ष एक गंभीर चुनौती बना हुआ है।

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