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इतिहास में पहली बार सामूहिक नमाज के बिना  ही

इतिहास में पहली बार सामूहिक नमाज के बिना ही

इतिहास में पहली बार सामूहिक नमाज के बिना  ही अदा किया गया ईद उल फितर की नमाज

जमुई। आकाश राज
गजव ही हो गया इस वर्ष तो। हर वर्ष की तरह इसा बार भी रमजान पूरा बीत गया और ईद भी आ गया। लेकिन, एक दिन भी सामूहिक जुमा और तरावीह नहीं पढ़ी जा सकी। लॉक डाउन होने के कारण ना तो कोई मसिजद और ना ही कोई ईदगाह में इस बात ईद उल फितर की नमाज़ हुई। मुसलमान भाई सरकार के निर्देश का पालन करते हुए अपने अपने घरो में ही ईद की नमाज़ अदा किया। हद तो यह कि इतिहास  में पहली बार एक-दूसरे से गले मिलकर गिला-शिकवा तक नहीं कर पाए। गले मिलने और दूसरे के घरों में जाकर खाने से भी लोगो ने परहेज किया।लॉकडाउन के मद्देनजर इस वर्ष लोगों से सरकार द्वारा दिये निर्देश के अनुसार ही ईद मनाया। सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार मस्जिदों में केवल 3 या चार लोगों के साथ ही नमाज पढ़े बाकी लोग अपने घरों पर ही को ईद उल फिरत का नमाज़ अदा किया। अहले सुबह से ही लोग अपना बिस्तर छोड़ कर जग गए थे और नहाय धोकर साफ सुथरा कपड़ा पहन कर तैयार हो गए और घर के सभी लोग मिल कर ईद फितर की नमाज़ अदा करने जुट गए। कही पिता तो कही पुत्र ने इमाम का फर्ज अदा किया।नमाज अदा करने के बाद लोगो ने एक दूसरे को मुबारकबाद भी दिया लेकिन इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए। सभी लोग दूर के ही एक दूसरे को मुबारकबाद देते नजर आ रहे थे। नमाज़ के बाद लोग घरों में बनाया गया तरह तरह का व्यंजन का आनंद भी लिया। कुल मिला कर ईद उल फिरत की नमाज़ शांति पूर्वक सम्पन होगा।
नहीं सुना कि कभी ईद की नमाज नहीं हुई :
लोगो ने कहा कि इस तरह से अल्लाह तआला की नाराजगी का पता चलता है। पूरे जीवन में कभी नहीं सुना था कि कहीं ईद की नमाज भी नहीं हुई है।ाुजुर्गों से पता चलता है कि इस वर्ष से पहले कभी भी ईद की नमाज नहीं रुकी थी। उन्होंने कहा कि अब अल्लाह तआला को हर हाल में राजी करने का प्रयास करना ही होगा।
कोरोना से निजात के लिए लोगो ने मांग दुआ  :
ईद-उल-फितर की नमाज के बाद खास कर कोरोना जैसी महामारी से निजात पाने के लिए लोगो ने दुआ मंगा।लोगो ने जिले के सभी  मोहल्ला, पंचायत, प्रखंड, जिला, सूबे के साथ पूरे देश के लिए इस माहमारी से निजात पाने के लिए दुआ किया।  साथ ही सरकार द्वारा जारी निर्देशों का भी पालन करते रहने का अपील किया है।

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