
लॉकडाउन के बाद बंगाल के 44 मजदूर फंसे है जमुई में
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लॉकडाउन के बाद बंगाल के 44 मजदूर फंसे है जमुई में
मजदूरों को खाना भी नहीं हो रहा नसीब
घर जाने की नहीं है कोई व्यवस्था
जमुई। संजीव कुमार सिंहकेन्द्र सरकार के लॉकडाउन के बाद जमुई जिले में आए दूसरे राज्यों से सैकड़ों मजदूरों की स्थिति बद से बदत्तर हो गई है। शहर के नगरपालिका क्षेत्र में बंगाल से आकर काम कर रहे राजमिस्त्री की कई टीम फंस गया है। वार्ड नम्बर 2 के वार्ड सदस्य देवी कुमारी और जिला कांग्रेस के अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन से कई बार इस मुद्दे पर आग्रह किया लेकिन इस पर कोई भी ध्यान देना वाजिव नहीं समझ रहे है। 44 मजदूर जमुई के विभिन्न कस्बों में दिहाड़ी पर काम करते थे। इन सभी मजदूरों को भोजन की संकट भी सामने आ चुका है। सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के पाकुड़ जिले के रहने वाले बताया जा रहा हैं। मिली जानकारी के अनुसार ये सभी मजदूर संवेदक के अंदर काम कर रहे थे। कोरोना वायरस पर लॉक डाउन की स्थिति बनने के बाद सारे कार्य स्थल पर कार्य बंद कर दिया गया। अब इन मजदूरों की देखरेख व खाने पीने का कोई व्यवस्था नहीं है। वार्ड सदस्य ने बताया कि कुछ खाना पीना की वे व्यवस्था की है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों को रहने के कारण उन्हें भी परेशानी हो रही है। मजदूर अलाउद्दीन शेख, मूरतेज अली, मुकलेशुल रहमान, जमाल शेख, नूर इसलाम, असगर मल्लिक, रहमत शेख, इकबाल सेख, अब्दुल अजीज समेत कई मजदूरों ने बताया कि लॉक डाउन होने के बाद सबसे अधिक परेशानी भोजन का हो रहा है। संवेदक के द्वारा न तो घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है और न ही खाने पीने की व्यवस्था ही किया जा रहा है। फिलहाल जमुई-लखीसराय रोड स्थित उझंडी के पास मजदूर ठहरे हुए हैं। ये लोग करीब दो माह से सिकंदरा प्रखंड के कई क्षेत्रों सहित सदर थाना के जमुई नगर पालिका क्षेत्र के कई जगहों सहित काकन, मंझबे, मलयपुर, महादेव सिमरिया खैरा प्रखंड के दाबिल के इलाके में कार्य कर रहे थे।
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