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 जमुई में पूर्व नक्सली कमांडर की गोली मारकर हत्या, इलाके में फैली दहशत

जमुई में पूर्व नक्सली कमांडर की गोली मारकर हत्या, इलाके में फैली दहशत



बिहार के जमुई जिले में नक्सली गतिविधियों में भारी गिरावट के बीच शनिवार की शाम एक सनसनीखेज हत्या की घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। चरकापत्थर थाना क्षेत्र के चिहलकाखार गांव निवासी एवं पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव की अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। लखन यादव वही नाम है, जिसका संबंध पूर्व में झाझा रेलवे स्टेशन पर हुए चर्चित हथियार लूटकांड से जोड़ा गया था।

बीच सड़क गोलियों से भूना गया लखन यादव प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना शनिवार शाम करीब 7 बजे की है। लखन यादव अपने दो अन्य साथियों के साथ मोटरसाइकिल से पास के गांव बरातांड गया था, जहां दारू–मुर्गा की पार्टी चल रही थी। इसी दौरान मोटरसाइकिल से पहुंचे दो से चार नकाबपोश अपराधियों ने भीड़ का फायदा उठाते हुए लखन यादव को निशाना बनाया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। गोली लगते ही लखन यादव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हमलावर फरार हो गए।


झाझा हथियार लूटकांड में था नाम 
मृतक लखन यादव (उम्र लगभग 35 वर्ष), पिता शंकर यादव, पूर्व में नक्सली संगठन से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। वर्ष 2012–13 के दौरान वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ था और उसी दौरान नक्सली महिला सुनीता मुर्मू से उसने विवाह किया था, जिससे एक बच्चा है। उसकी पहली पत्नी से भी दो बच्चे बताए जा रहे हैं। वर्ष 2017 में एसटीएफ ने लखन यादव और उसकी पत्नी सुनीता मुर्मू को गिरफ्तार किया था। जेल में ही सुनीता ने बच्चे को जन्म दिया था। करीब चार साल बाद जेल से रिहा होने के बाद लखन यादव नक्सली गतिविधियों से अलग होकर गांव में रह रहा था और ट्रैक्टर चलाकर जीवन-यापन कर रहा था। पुलिस ने की हत्या की पुष्टि, जांच जारी झाझा एसडीपीओ राजेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव की गोली मारकर हत्या की गई है। घटनास्थल से साक्ष्य और सबूत एकत्र कर लिए गए हैं तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए जमुई सदर अस्पताल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल हत्या के कारण स्पष्ट नहीं हैं। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है। नक्सली एंगल से फिलहाल इनकार मृतक के बहनोई टुनटुन यादव ने बताया कि लखन यादव दो अन्य लोगों के साथ मोटरसाइकिल से गया था, जिसके कुछ ही देर बाद फोन पर हत्या की सूचना मिली। वहीं पुलिस ने शुरुआती जांच में नक्सली एंगल से इनकार किया है और इसे आपराधिक रंजिश से जुड़ी घटना मानते हुए जांच आगे बढ़ा रही है। इलाके में भय का माहौल घटना के बाद से चिहलकाखार, बरातांड और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। भले ही नक्सली गतिविधियों में कमी आई हो, लेकिन पूर्व नक्सली कमांडर की इस हत्या ने एक बार फिर जिले की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि जमुई पुलिस कब तक इस हत्याकांड का खुलासा कर पाती है।

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