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हिंदी और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश

हिंदी और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश



जमुई। हिंदी हमारी पहचान है, पर्यावरण हमारी शान है जैसे नारों के साथ रविवार को साइकिल यात्रा का कारवां अपने 506वें क्रम में श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम परिसर से रवाना हुआ। यात्रा शास्त्री कॉलोनी और सतगामा होते हुए नगर परिषद क्षेत्र के खैरमा ग्राम पहुंची, जहां आशीष सिन्हा के निजी जमीन पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि हिंदी दिवस पर पौधारोपण के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि भाषा और प्रकृति दोनों का संवर्धन ही हमारी असली संस्कृति है। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और पेड़-पौधे हमारी जीवनरेखा, इसलिए दोनों का संरक्षण हम सबका कर्तव्य है। इस पहल की सराहना करते हुए लड्डू मिश्रा ने कहा कि भाषा और प्रकृति का संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित करेगा। वहीं, अरुणेश मिश्रा ने कहा कि सिर्फ पेड़ लगाना ही मकसद नहीं बल्कि उनका निरंतर संरक्षण करना भी जिम्मेदारी है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि खैरमा गांव में पाँच-छह जगह छोटे-छोटे बगीचे विकसित हो चुके हैं, जो फल-फूल देने के साथ पर्यावरण को समृद्ध बना रहे हैं। इस मौके पर गोलू कुमार, संकेत कुमार, हर्ष कुमार सिन्हा, सत्यम कुमार, गुंजन मिश्रा, अरुणेश कुमार मिश्रा, मयंक कुमार, राजा कुमार, चिट्टू कुमार, विजय कुमार, निकेश कुमार, आशीष सिन्हा, पंकज कुमार, के.पी. शौर्य, विवेक कुमार, लड्डू मिश्रा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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