
लघु सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार का खुला खेल – तीन नंबर ईंट, बोर्ड गायब और सरकारी राशि की लूट
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जमुई आकाश राज। हर खेत तक सिंचाई को पानी योजना के तहत जमुई में आहार व तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह काम भ्रष्टाचार और लूट का अड्डा बन चुका है। विभाग जहाँ कागजों पर 70% कार्य को अंतिम चरण में बता रहा है, वहीं हकीकत बिल्कुल अलग है। सदर प्रखंड के अमरथ पंचायत में दरगाह के पास चल रहे निर्माण कार्य में तीन नंबर ईंट का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घटिया सामग्री से काम कराने की वजह से निर्माण की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इससे साफ जाहिर है कि सरकारी राशि की सीधी लूट हो रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि अब तक स्थल पर कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है। योजना की लागत, नाम और अवधि जैसी बुनियादी जानकारी पूरी तरह छुपाई जा रही है। जब इस बारे में विभागीय पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने सफाई दी कि बोर्ड चोरी हो गया होगा और बरसात के कारण काम रोक दिया गया है जबकि मौके पर काम लगातार जारी है।
सूत्रों के अनुसार, लघु सिंचाई विभाग जिन तालाबों व आहारों पर काम दिखा रहा है, उनमें से कई पहले ही मनरेगा के तहत बने हुए हैं। मनरेगा की वैधता खत्म होने के बाद उन्हीं तालाबों को लघु सिंचाई विभाग नई योजना बताकर टेंडर जारी करता है। यानी एक ही काम पर सरकारी धन की दोहरी बर्बादी की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब अधिकारियों और संवेदकों की मिलीभगत से हो रहा है। करोड़ों की राशि डकारने के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल और सूचना बोर्ड का न लगाना इस खेल की साफ गवाही देता है।
गांवों में कई तालाब और आहार अब भी दबंगों के कब्जे में हैं, जिससे किसानों तक पानी पहुंचाने की मंशा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती है।ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों और संवेदकों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक योजनाएं सिर्फ भ्रष्टाचार का जरिया बनी रहेंगी और किसान लाभ से वंचित रहेंगे।
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