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उर्दू अदब के देश अस्तर के प्रसिद्ध कवि तारीक मतीन नम आंखों के साथ सुपुर्द खाक।

उर्दू अदब के देश अस्तर के प्रसिद्ध कवि तारीक मतीन नम आंखों के साथ सुपुर्द खाक।



 बलिया( बेगूसराय )फ़रोग़ उर रहमान।

 बलिया नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत लखमिनिया निवासी देश अस्तर के लोकप्रिय शायर( कवि) तारीक मतीन की जनाजे की नमाज लखमिनिया पुरानी मस्जिद के पीछे शुक्रवार को शुक्रवार की नमाज के बाद हजारों लोगों की मौजूदगी में अदा की गई। और लखमिनिया राहत बाग़ कब्रिस्तान में नम आंखों के साथ सुपुर्द खाक (कफन दफन) कर दिया गया। तारिक मतीन के जनाजे की नमाज में बलिया सबडिवीजन क्षेत्र के अलावा, बेगूसराय जिला भर से तथा लखीसराय, मुंगेर, जमुई, पटना, समस्तीपुर, खगड़िया जिला के उनके चाहने वाले लोग नमाज जनाजा और कफन दफन में शामिल हुए। उर्दू अदब दुनिया के मशहूर नौजवान शायर तारिक मतीन का गुरुवार की शाम को हृदय गति रुक जाने के कारण मृत्यु हो गया था।


जिनकी उम्र लगभग 57 साल थी। उर्दू अदब की दुनिया और उर्दू शायरी से काफी गहरा लगाव था । तारीक मतिन के निधन की खबर इलाके में फैलते ही ग़म की लहर दौड़ गई है। तारिक मतीन के निधन से उर्दू अदब की दुनिया को गहरा सदमा पहुंचा है। तारीक मतीन पिता मोहम्मद मतीन उद्दीन लखमिनिया के रहने वाले थे। शायर तारीक मतीन की अपनी पहचान उर्दू अदब की दुनिया में बिहार से लेकर देश अस्त्र पर थी। शायर मरहूम मुनव्वर राणा, मरहूम कलीम आजिज़ साहब पटना, राहत इंदौरी, जैसे बड़े-बड़े शायर से उनके काफी गहरे रिश्ते थे । तारीख मतीन के अचानक निधन की खबर मिलते ही लोग काफी सदमे में आ गए। मरहूम लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट से एमएलए का चुनाव और जिला परिषद का चुनाव भी बहुत पहले लड़ चुके हैं। शायर तारीक मतीन ने कई किताबें भी लिखी हैं। तारीख मतीन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करने वालों में पूर्व एमएलसी डॉक्टर तनवीर हसन ,विधायक ललन यादव, मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद अहसन, पूर्व उपाध्यक्ष नगर परिषद बलिया के मोहम्मद जावेद अख्तर, पूर्व मुखिया मोहम्मद अब्दुल्ला, प्रोफेसर जफर हबीब, गुलाम यजदानी बिस्मिल, वली मदनी, ओबैद जाफरी गौहर, निगार आरा , सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़रोग़ उर रहमान, व्यापार मंडल अध्यक्ष राकेश सिंह, प्रेम कुमार मिश्रा, शंकर साह,मोहम्मद हारुन रशीद, अब्दुल्ला बुखारी मुंगेर दर्जनों लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया। तारीक मतीन के निधन से जो उर्दू अदब को छठी हुआ है उसकी भरपाई भविष्य में संभव नहीं दिख रही है।

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