
30 जुलाई को विद्यालय रसोईया संघ का होगा जिला सम्मेलन
Thursday
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सोलह सौ में दम नही इक्कीस हजार से कम नही,विद्यालय रसोईया को सरकारी कर्मचारी को दर्ज दो,इक्कीस हजार रुपया मानदेय की गारंटी करो,साल के बारह महीने मानदेय की गारंटी करो इत्यादि सवाल को बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ का एक दिवसिय बैठक अतिथि पैलेस जमुई में किया गया बैठक में अध्यक्षता रसोईया संघ जिला सचिव मो हैदर ने बैठक को सम्बोधित करते हुए विद्यालय रसोईया संघ के महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है रसोइयों का एक पैसा भी मानदेय नहीं बढ़ा है। ऊपर से कोरोना काल का फायदा उठाकर मध्यान्ह भोजन योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना कर दिया गया और उसकी समय सीमा 5 साल सीमित कर दी गई। जबकि मध्यान्ह भोजन योजना नियमित चलने वाली योजना थी।
कोरोना काल में क्वारंटीन सेंटरों में काम करने वाली रसोइयों को न तो मेहनताना दिया गया और न ही मृत रसोइयों को मुआवजा। वही भाकपा माले नेता बाबू साहब सिंह कहा कि बिहार में रसोइयों को महज 1650 रूपया मानदेय के रूप में मिलता है। जबकि बगल के राज्य झारखंड व उत्तर प्रदेश में 2000 रूपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है। ऐक्टू के जिला प्रभारी बासुदेव रॉय कहा कि विद्यालयों में रसोइयों को अपमानजनक व्यवहार सहन करना पड़ता है और बार-बार निकाल देने की धमकी दी जाती है। साथ ही 9 बजे से 4 बजे तक काम करना पड़ता है फिर भी पार्ट टाइम वर्कर कहा जाता है। मौके पर ब्रह्मदेव ठाकुर, इंदु देवी,दीप माला,मिना देवी,राजकुमारी देवी,संगति देवी,मधुमती सिंन्हा, निर्मला देवी,सुमित्रा देवी,रूबी देवी,आशा देवी, बिंदु देवी, विमल देवी, रजिया खातून, सुनीता देवी, सहित सैकड़ों रसोईया उपस्थित थे
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