
प्रखंड कार्यालय की मनमानी से दुखी होकर उपप्रमुख पवन सिंह रावत बैठे
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प्रखंड कार्यालय की मनमानी से दुखी होकर उपप्रमुख पवन सिंह रावत बैठे धरने पर
प्रखंड कार्यालय में हैं बिचौलिया हॉवी
जमुई । संजीव कुमार सिंहसदर प्रखंड कार्यालय में अधिकारियों की मनमानी चरम पर है। आम जनता की बात तो दूर पंचायत प्रतिनिधियों की बात भी कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। इसी बात से दुखी होकर जमुई प्रखंड के उपप्रमुख पवन सिंह रावत शनिवार को प्रखंड कार्यालय के समक्ष गमछा बिछाकर धरना पर बैठ गए। उपप्रमुख श्री रावत ने जमुई प्रखंड कार्यालय के कई अधिकारी के काम से काफी दुःखी है उन्होंने कहा कि सीडीपीओ, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सहित कई विभाग के पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रखंड में भष्टाचार का बोलबाला है। प्रखंड उप प्रमुख की कोई भी अधिकारी बात नहीं सुन रहा तो आम लोगों की क्या स्थिति होती होगी यह भगवान ही जानता है। उन्होंने कहा कि जब गरीब व्यक्ति राशन कार्ड को लेकर घूमता है और अपनी पीड़ा को सुनाता है तो दिल रो जाता है। प्रखंड कार्यालय में
सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रखंड आपूर्ति कार्यालय में कोई नहीं रहता है। बाल विकास परियोजना के कार्यक्रमों पर कई सवाल उठाया है। प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति काफी दयनीय है । उन्होंने कहा कि पंचायत समिति के बैठक में उनके द्वारा कई बार उनके कार्यालय से संबंधित पंजी की मांग की गई।लेकिन पंजी देना वाजिब नहीं समझती है। वहीं हाल मनरेगा का है । उपप्रमुख ने कहा कि यह बात हम नहीं कर रहे हैं बल्कि पंचायत समिति के बैठक में पारित प्रस्ताव में यह बातें अंकित है। हालांकि सीडीपीओ नीतू निहारिका ने बताया की ऐसी कोई बात नहीं है । प्रखंड स्थित सभी कार्यालयों में आम जनता के साथ साथ जनप्रतिनिधियों का कोई सम्मान नहीं है। बिचौलिया हॉवी हैं। किसी भी विभाग में समिति के सदस्य जाते हैं तो बिचौलिया ना तो कुर्सी से उठता है और ना ही संबंधित पदाधिकारी उन्हें उठने को कहते हैं। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों का अपमान लगातार हो रहा है। उन्होंने कहा कि दलाल कुर्सी पर बैठते हैं और समिति सदस्य खड़े खड़े बात करते हैं । उपप्रमुख ने कहा कि भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आरटीपीएस काउंटर पर ज्यादा भीड़ होने पर पैसे लेकर लोगों के आवेदन का निष्पादन किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमरथ और मंझबे पंचायत को सुखाड़ घोषित किया गया है। सभी लोगों को 3 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा हुई है। यह मामला अक्टूबर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अभी भी उनसे संबंधित पंचायत में 200 से 300 व्यक्ति को सहायता की राशि नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि अधिकारियों के कार्यशैली से परेशान हो चुके हैं। इन पर लगाम नहीं लगा तो 15 दिनों के अंदर बड़ा धरना का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा । सभी विभाग के कार्यालय में तालाबंदी कर दिया जाएगा। पदाधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी। इधर बीडीओ पुरषोत्तम त्रिवेदी ने कहा कि उपप्रमुख धरने पर बैठे थे। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी जो शिकायतें हैं उन्हें यथाशीघ्र दूर किया जाएगा। बीडीओ ने कहा कि जिन विभाग के पदाधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें थी उनके संदर्भ में डीएम को रिपोर्ट किया गया है और भी जो शिकायतें हैं उनकी जांच कर रिपोर्ट किया जाएगा।
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