
नाबालिक के दुष्कर्मी को 20 साल की सजा और 20 हजार जुर्माना
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3 साल पहले में 13 वर्षीय नाबालिग के साथ किया गया था दुष्कर्म । आरोपी 45 वर्षीय दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाई गई साथ ही बीस हजार रुपए जुर्माना लगाया गया । जमुई के पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने वर्ष 2019 में 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी 45 वर्षीय शीतल मांझी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 4 माह की सजा अतिरिक्त होगी ।
यह घटना 23 नम्बर 2019 का है।जब नाबालिक लड़की अपने घर में थी । उसी गांव का एक व्यक्ति शीतल मांझी उसे लकड़ी चुनने के बहाने जंगल लेकर चला गया । पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने अपने 20 पेज के फैसले में दोनों पक्षों की ग्वाहों की बयान फॉरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट डॉक्टर की रिपोर्ट और ग्वाही एवं अन्य कागजात को अवलोकन करने के बाद जीतन मांझी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास सुनाया । जमुई के मलयपुर इलाके में रहने वाले एक परिवार की नतिनी 13 साल बच्ची को शीतल मांझी ने जंगल में लकड़ी लाने के नाम पर नरसौता जंगल ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया । जहां पर आरोपी 13 वर्षीय नाबालिक लड़की के साथ बेरहमी से बलात्कार किया। लड़की के बेहोश हो जाने के बाद बलात्कारी वहां से भाग निकला । नाबालिक लड़की को जब होश आया तो किसी तरह वह अपने घर आई । नाबालिक लड़की सारी बात अपनी नानी को बताई । उसकी नानी सुनीता देवी पति सुरेश साव जोकि मलयपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। मलयपुर थाना जाकर घटना का लिखित आवेदन दिया और केस दर्ज कराया । मामले में पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायालय में ट्रायल के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें और स्पेशल पीपी मनोज कुमार शर्मा तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता गोपाल प्रसाद की दलीलें सुनने के बाद एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया । एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने कहा कि एक नाबालिग बच्ची के साथ इस तरह की घटना से उसे जो मानसिक पीड़ा होती है उसकी भरपाई संभव नहीं है ऐसे में उसे 500000 की मुआवजा राशि तुरंत भुगतान किया जाए । जमुई। आकाश राज
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