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ड्यूटी पर डॉक्टर को नहीं रहने से गौरव की गई जान

ड्यूटी पर डॉक्टर को नहीं रहने से गौरव की गई जान

नहीं रहते हैं ड्यूटी पर एंबुलेंस ड्राइवर

खैरा हॉस्पिटल का हाल बदहाल

जमुई। आकाश राज

ड्यूटी के समय अस्पताल में नहीं रहकर डॉक्टर जाते कहां है?

सी एस और डी पी एम कार्यालय छोड़ जाते कहां है?


हॉस्पिटल के नाम का करोड़ों रुपए सही जगह खर्च नहीं होकर आखिर जाता कहा? यह सब बातें अब आम लोगों की जुबान पर आ गई ।अब आम आदमी पूछते हैं कि सरकार द्वारा हो रही करोड़ के खर्च कहां जा रही हैं। डॉक्टर अपना दायित्व नहीं निभा पाते हैं तो सरकारी हॉस्पिटल में योगदान ही क्यों करते हैं और लाखों रुपए सरकार से वेतन सालाना क्यों लेते हैं। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार उंगलियां उठ रही है लेकिन इस व्यवस्था को सुधारने में न सीएस और ना ही जिला के जिला प्रशासन इस पर ध्यान देना उचित समझते हैं। अब जिला भगवान भरोसे ही चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से गई एक युवक की जान

खैरा-गरही मुख्य मार्ग पर बड़ीबाग के समीप सोमवार को स्कॉर्पियो वाहन के चकमा ने बाइक सवार गौरव की जान ले लिया। स्वास्थ्य विभाग के लोग ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण गौरव कुमार की मौत हो गया। बता दें कि लोगों ने बताया सोमवार को गिद्धेश्वर नाथ मंदिर से पूजा कर लौटने के दौरान बड़ी बाग के समीप तेज रफ्तार स्कार्पियो वाहन के चकमा देने पर बाइक असंतुलित होकर पेड़ से टकरा गई थी। बाइक पर सवार गौरव कुमार और सौरभ कुमार बुरी तरह घायल हो गया था। जिसे आनन-फानन में इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा लाया गया था। जहां डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने के कारण काफी देर तक घायल दोनों युवक स्ट्रैचर पर ही पड़ा रहा।जब कोई कर्मी नहीं पहुंचे तो घायल को सदर अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस के चालक भी मौजूद नहीं थे और एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी द्वारा एंबुलेंस का शीशा तोड़कर एंबुलेंस ले जाने की बात कहने लगा। अंत में दोनों घायलों को ऑटो से सदर अस्पताल लाया गया। जिस वजह से गौरव की स्थिति और गंभीर हो गई। सदर अस्पताल से उसे पटना रेफर कर दिया गया और पटना ले जाने के दौरान ही रास्ते में मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की लगातार लापरवाही लोगों में खौफ बना रहता है। सरकार के द्वारा लगातार करोड़ों रुपया स्वास्थ्य विभाग को दिया जाता है

लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से आज गौरव कुमार का मौत हो गया अगर स्वास्थ्य विभाग चाहता तो उसे बचाया जा सकता था इस बात की शिकायत करने लोगों ने मंगलवार की दोपहर सदर अस्पताल पहुंचे लेकिन सिविल सर्जन से लोगों की मुलाकात नहीं हुआ जिससे कारण लोग काफी आक्रोशित हो गए और जमकर हंगामा करने लगे । इस दौरान खैरा पीएससी के स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया हालांकि सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी द्वारा सी एस और डी पी एम के विभागीय कार्य को लेकर पटना चले जाने की बात पर लोग शांत हुए और बुधवार को सीएस से मिलकर शिकायत करने की बात पर लोग वापस लौट गए।

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