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पॉकेट खर्च की बचत करके आदिवासी इलाकों में बांटी खुशियां

पॉकेट खर्च की बचत करके आदिवासी इलाकों में बांटी खुशियां



दीपावली पर्व खुशियों का त्योहार है। इस त्यौहार पर जहां हर तरफ खुशहाली की रंगत दिखती है तो वहीं इस उत्सव के समय में आदिवासी बस्तियों में साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सदस्यो के समूह खुशियों के दीप जलाते है। हर साल की भांति आठवें साल भी दीपावली के उत्सव में सदस्यो द्वारा अपने पॉकेट खर्च की बचत करके उन तबकों में जाते है  उनके साथ बैठ कर उनका दुख सुख बांटने के साथ मिलकर दिवाली का त्यौहार मनाते हैं। सदस्यो द्वारा इस अवसर पर लक्ष्मीपुर के जंगली इलाकों आदिवासी इलाका अदवारिय ग्राम में अपने 410 वें यात्रा के क्रम में पहुंच कर तोहफे के रूप मे 151 बच्चों के साथ मिठाईयां, दिया, बत्ती, मोमबत्ती, शिक्षण सामग्री, खिलौना, कपड़े और एक पौधा आदि बाटा गया। इस अवसर पर निजी जमीन पर कई दर्जन पौधा रोपण भी किया गया।

टीम से जुड़े सदस्य ठाकुर डुगडुग सिंह ने कहा की समाज मे हर तबके के लोगो को समान रूप से रहने और खुशियां मनाना चाहिए, यदि हर समर्थ लोग अपने-पास जरूरतमंद लोगो के साथ अपनी दीपावली मानये जो आर्थिक कारण दीपावली मना नही पाते है तो इससे हर तबके में भेदभाव भी मिटेगी और समाज भी स्वच्छ बनेगा मंच के संस्थापक विवेक कुमार ने बताया की ऐसे मुहिम की जब शुरुवाती समय में आयोजन की गई थी तो लोगो द्वारा काफी सराहा गया था आज 08 वें साल जमुई के कई इलाकों में अपने स्तर से लोगो द्वारा ऐसे आयोजन कर समाज को बेहतर बनाने में और सामाजिक भेद भाव को मिटाने में सहायक हो रहा है। आज मंच का उद्देश्य आज सार्थक हो रहा है।

पहल एक नई सोच टीम के विकास कुमार ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए कहा की अपने खुशियों को जाहिर करने के लिए इस अवसर पर लोग पटाखे फोड़ते है जिससे प्रदूषण अधिक बड़ता जाता है। भविष्य को देखते हुए कम से कम 10 पौधा लगाना चाहिए। पहल एक नई सोच टीम से शामिल हेम्ब्रम, ललिता मुर्मू, काजल कुमारी, विकास कुमार, दीपक कुमार सहित मंच के गोलू कुमार, पंकज कुमार, राहुल कुमार, सचिराजज पद्माकर, कुंदन यादव, लड्डू मिश्रा, डुगडुग सिंह, विवेक कुमार, टिंकू पासवान,  शांतनु सिंह, कुंदन सिन्हा, धीरज कुमार सिंह, राहुल राठौर, शिवदानी पंडित, हर्ष कुमार सिन्हा, शैलेश भारद्वाज, अजीत मुर्मू, जीतू कुमार, विकास मुर्मू, लालदेव मुर्मू, सुभाष कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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