
IGIMS के नेत्र विभाग मैं सुमित कुमार सिंह ने अपने नेत्रदान के लिए सहमति दिया।
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शुक्रवार को पटना स्थित IGIMS के नित्य विभाग में बिहार के लोकप्रिय नेता सुमित सिंह के द्वारा नेत्रदान के लिए सहमति दिया गया। उन्होंने बताया कि मेरी आंखें किसी नेत्रहीन के जीवन में उजाला ला सके इससे बड़ी बात मेरे लिए और कुछ नहीं हो सकती है। मैंने अपना जीवन अपनी जनता और उनकी सेवा के लिए समर्पित किया है। जनप्रतिनिधि के तौर पर यह नेत्रदान मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो समाज में इस महादान के पक्ष में एक सकारात्मक संदेश देगा। लोग बड़ी संख्या में नेत्रदान के लिए जागरूक होंगे और आगे चलकर यह नेत्रहीनों के लिए वरदान साबित होगा। आंखें प्रकृति की सबसे सुंदर, अनमोल और अमूल्य उपहार व धरोहर हैं। आंखों के बिना हमारा जीवन अधूरा व बेरंग है। आंखें हैं, तो जहान है, वरना सब वीरान है। आंखें मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। मानव शरीर में पांच ज्ञानेन्द्रियां हैं, आंख, कान, नाक, जीभ और त्वचा। इनसे ही कोई व्यक्ति सौंदर्य, रस, गंध, स्पर्श व स्वाद महसूस करता है। आचार्य चाणक्य ने आँखों को सभी इंद्रियों से उत्तम बताया है।
मृत्यु के पश्चात आंखों को जलाने की बजाए आंखों के दान से अगर किसी नेत्रहीन व्यक्ति की बेरंग जीवन में रंग और रोशनी आती है तो इससे बड़ा पुण्य-परोपकार की बात क्या हो सकती है। वहीं सुमित कुमार सिंह ने कहा नेत्रदान करके मुझे तसल्ली मिली, यह अहसास हुआ कि मेरा जीवन लोगों को समर्पित है और मैं जब तक जीवित रहूंगा तब तक अपनी जनता की सेवा में समर्पित रहूंगा। मेरी जनता मेरी ताकत है। इस मौके पर IGIMS के नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ.विभूति प्रसाद सिन्हा और IGIMS नेत्र विभाग के प्रोफेसर डॉ.निलेश मोहन मौजूद रहे।
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