बिहार में लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति मानने सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है
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डेस्क : बिहार में लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति मानने सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रमाणपत्र जारी करने की बिहार सरकार की अधिसूचना को निरस्त कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश राय की पीठ ने फैसला देते हुए कहा कि लोहार जाति कभी भी अनुसूचित जनजाति में नहीं रही है, बल्कि वास्तव में वह राज्य की ओबीसी की सूची में शामिल है।
कोर्ट ने कहा कि लोहार जाति केंद्र सरकार की 1950 की अनुसूचित जनजाति की सूची में नहीं है, ऐसे में बिहार सरकार लोहार को अनुसूचित जनजाति घोषित नहीं कर सकती। लोहार अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी में रहेंगे और उन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा।
पीठ ने लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति में लाने की बिहार सरकार की 23 अगस्त 2016 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया। कहा कि लोहरा या लोहरास ही अनुसूचित जनजाति में आएंगे और उन्हें ही इसका प्रमाणपत्र मिलेगा।
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