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सावधानी से ही कोरोना से बच सकते है लोग : डा. कविता

सावधानी से ही कोरोना से बच सकते है लोग : डा. कविता

सावधानी से ही कोरोना से बच सकते है लोग : डा. कविता

जमुई।आकाश राज
सावधानी से ही कोरोना वायरस से लोग अपने आप को बचा सकता है।  हाथ मिलाने से परहेज करें एवं एल्कोहलयुक्त हैंडरब का भी उपयोग करें। उक्त बातें सदर अस्पताल में कार्यरत सह आईएमए की जिला सचिव डा. कविता सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि लोग अफवाह से बचें। लोगों को जगरूक करें ताकि कोरोना जैसी बीमारी से अपने आप को दूर रखें सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे बीमारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। चिकित्सकों, नर्सों और सफाई कर्मियों को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। साथ ही सदर अस्पताल में 10 बेड को आईसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है। हालांकि जमुई में एक भी कोरोना से संबंधित मरीज मिलने की कोई सूचना नहीं है फिर भी स्वास्थ्य विभाग अपनी पूरी तैयारी में है। 
क्यों है कोरोना का इतना खौफ :
कोरोना वायरस ने चीन में तबाही मचा रखी है। हाल के दिनों में वहां बड़ी संख्या में लोगों ने जान गवांई हैं। दरअसल कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार से आता है। उक्त बातें सदर अस्पताल में कार्यरत सह आईएमए की जिला सचिव डा. कविता सिंह ने कहीं। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगाद्ड़ जैसे जानवरों को भी संक्रमित कर रहा है, जिसके संपर्क में आने से मनुष्यों को भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ेगा। अब तक इस वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं है। हालांकि चिकित्सक लक्षणों के आधार पर इसके इलाज के लिए दूसरी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही जरूरी दवाएं भी खोजी जा रही है। बता दें कि बिहार के करीब 08 सौ लोग चीन में निवास कर रहे हैं। अधिकतर लोग मेडिकल की पढ़ाई के लिए चीन गए हुए हैं। अब जब चीन में कोरोना वायरस का आतंक फैला है, तो लोग वापस लौट रहे हैं। जिससे बिहार सहित पूरे देश में संक्रमण का खतरा फैल सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पूरे अलर्ट पर है।
किडनी और फेफड़े को करता है प्रभावित :
सदर अस्पताल में कार्यरत सह आईएमए की जिला सचिव डा. कविता सिंह ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाईजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इस बीमारी से सामान्य जुकाम से लेकर सांस की गंभीर समस्या तक उत्पन्न हो जाती है। संक्रमित मरीजों में जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरूआती लक्षण मिलते हैं। बाद में ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाता हैं और किडनी को प्रभावित करता है। फेफड़े में भी गंभीर संक्रमण होता है और बीमारी से मरीज की मौत हो जाती है। आम तौर पर यह बीमारी सी-फूड अर्थात समुद्री उत्पादों से बने भोजन के खाने से फैलती हैं।
बचाव के उपाय :
- खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को रुमाल से ढ़क लें।
- हाथ मिलाने से परहेज करें। एल्कोहलयुक्त हैंडरब का उपयोग करें।
- अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे ढं़ग से साफ करें।
- जिनमें सर्दी, खांसी और फ्लू के लक्षण हो, उनसे दूर रहें।
- मांसाहार वाले भोजन को पूरी तरह पकाकर खाएं।
- ताजा खाना लें, बासी खाने से परहेज करें।
- जानवरों के संपर्क में आने से परहेज करें।
- घर-पड़ोस को साफ-सुथरा रखें।
जिले में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। फिलहाल कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। किसी भी संदिग्ध की पहचान होने पर उसे तत्काल सदर अस्पताल में लाया जाएगा। साथ ही मरीज और उनके परिजनों की पूरी ट्रैकिंग की जाएगी।
- डॉ. विजयेंद्र सत्यर्थी, प्रभारी सिविल सर्जन, जमुई

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