
हुल दिवस के मौके पर हजारों आदिवासियों ने लिया संकल्प
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हुल दिवस में अवसर पर जमुई के इतिहास में पहली बार भाकपा माले के नेतृत्व में हजारो आदिवासीयो अपने हाथ मे तीर धनुष और लाल झंडे लेकर जवाहर हाई स्कूल मैदान से भाकपा माले के युवा नेता बाबू साहब सिंह के नेतृत्व में हजारो आदिवासियों ने पैदल मार्च किया मार्च में बिरसा मुंडा, सिद्दो,कंन्हों,चाँद, भैरव तमाम आदिवासी महानायको का आदमकद प्रतिमा स्थापित करो, बनाधिकार कानून 2008 को सख्ती से लागू करो,वन संरक्षन कानून 2022 को वापस लो, का नारा लगाते हुए द्विरिका विवाह भवन पहुँच कर सभा मे तब्दील हो गया सभा की अध्यक्षता भाकपा माले के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने किया वही मंच संचालन बाबू साहब सिंह ने किया सभा की शुरुआत हुल आंदोलन में सिद्धो,कान्हो सहित हजारों आदिवासियों के शहादत को याद करते हुए एक मिनट का मौन धरण कर श्रधांजलि दिया केंद्रीय कमिटि सदस्य और भाकपा माले के विधायक बिरेन्द्र गुप्ता सहित हजारो आदिवासीयो ने सीद्दो कान्हो के तेल चित्र पर माल्यार्पण करते हुए विधायक बिरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि जिस जल जंगल जमीन को बचाने और आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सिद्धो कान्हो ने स्वतंत्रता आंदोलन की पहली लड़ाई से पहले 30 जून 1855 को अंग्रेजों से लोहा लिया
उस लड़ाई का परिणाम था कि सन 1900 में संथाल परगना टेंडेंसी अधिनियम बना और आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों को खरीदने पर रोक लगाई और आजादी के बाद भी सन्थाल परगना कास्तकारी अधिनियम सविधान में जोड़ा गया 2008 वनाधिकार कानून को आदिवासियों के हित में लागू करने के बजाय इसे कमजोर करने और आदिवासियों के तमाम परम्परागत अधिकारों से वंचित करने के लिए वन संरक्षण कानून 2022 ला कर इस देश के मूल वासी आदिवासी के साथ घोर अन्याय है,वही आदिवासी किसान नेता कल्लू मरांडी ने कहा कि आदिवासी जनसमुदाय के बीच बिरसा मुंडा सिद्धो, कान्हो, चांद, भैरव के विद्रोह में जिस चेतना का सूत्रपात किया जिससे समाज के सबसे निचले पायदान पर समझे जाने वाले लोगों ने अपने महानायकों को विजय गाथा को इतिहास में अमर बना दिया। सभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारती किसान सभा के जिला सचिव मनोज कुमार पांडये ने कहा कि हूल दिवस के अवसर पर हम तमाम आदिवासियों, गरीबों किसान मजदूरों मेहनतकशों से अपील करते हैं कि देश की महान विरासत लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए एकजूट होकर फासीवादी मोदी सरकार को धवस्त कर दें। सिद्धों, कान्हों, चांद, भैरव के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजली होगी।
वही जमुई जिले के बरहट प्रखण्ड अंतर्गत हुल दिवस मनाया गया 168वा सिधो-कान्हू हुल दिवस समारोह आदिवासियों समुदाय द्वारा बरहट मैं मनाया गया जिसमें बरहट पंचायत के सन्थाल आदिवासी समुदाय के लोग भाग लिए। साथ ही पैदल मार्च रैली भी निकाली गई ।जिमसें सेकड़ो आदिवासियों ने भाग लिया ।कार्यक्रम के दौरान सिधो-कान्हू तेल चित्र पर पुष्पां अर्पित कर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया।
सभी आदिवासियों ने अपनी समस्याओं से सभी को अवगत करवाया साथ ही जमुई जिला अधिकारी को एक आवेदन प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा सौंपा, जिसमे आदिवासी समुदाय की विशेष मांग थी । बरहट प्रखण्ड परिसर में आदिवासी महापुरुष प्रथम स्वंतत्रता सेनानी सिधो-कान्हू ओर तिलका मुरमू मांझी की प्रतिमा विस्थापित की जाय। आदिवासी सामुदायिक भवन एवं पुस्कालय भवन का निर्माण प्रखण्ड कार्यालय के आस पास हो। बरहट थाना अध्यक्ष एवं थानों के पुलिस प्रशासन द्वारा आदिवासियों पर किये जार रहे ऊपर अत्याचार पर मुक्ति दिलाया जाय। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा आदिवासियों के ऊपर किये जा रहे जुल्म से मुक्ति दिलाया जय।
आये दिन घटना घट रहा है बरहट थाने में दो दिन पहले एक घटना घटी जिससे सभी आदिवासी महिलाओं ने खुल कर अपनी बात रखी किस तरह से बरहट थाना से आदिवासी समुदाय परेशान है ।बरहट थाना के प्रभारी ओर पुलिस कर्मी लोग आदिवासियों पर जुल्म ढाह रहे है। रात में महिलाओं को शराब बंनाने के नाम पर जबरजस्ती कबूलने को बोलते है नही कबूलते है तो उनको मारने पीटने को बोलते है और यहाँतक की बक्सा भी तोड़ देते है उनके घरों का।
बासुदेव राय, कंचन रजक,रमेश यादव, मोहम्द हैदर सलीम अंसारी,बासुदेव हासदा, राजकिशोर किस्को, संजय रॉय, खूबलाल राणा एतवा हेम्ब्रम,कारमनी रॉय, कंनंदना मुर्मुर,बुधन हेम्ब्रम बिरेन्द्र हासदा,फुचन टुडू,अनिल हेम्ब्रम, सहित हजारो की तायदाद में लोग शामिल हुए
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