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 नदी में डूबे बिजली मिस्त्री का शव को ड्रोन के माध्यम से खोजा। एसडीआरएफ ने 23 घंटे में निकाला शव को।

नदी में डूबे बिजली मिस्त्री का शव को ड्रोन के माध्यम से खोजा। एसडीआरएफ ने 23 घंटे में निकाला शव को।



बिजली विभाग के पदाधिकारी व ठेकेदार पर केस दर्ज करने की मांग।

मंगलवार की शाम जमुई जिले के बरहट प्रखंड के मलयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कियुल नदी में 33 हजार बिजली का हाई टेंशन तार को मरम्मत करने के दौरान नदी में डूबे बिजली मिस्त्री का शव 23 घंटे में एसडीआरएफ टीम के द्वारा खोज कर निकला गया।मृतक बिजली मिस्त्री की पहचान खैरा थाना क्षेत्र अंतर्गत जीत झिगोंई गांव निवासी विवेक यादव पिता सत्यनारायण यादव के रूप में हुई है। वही विवेक अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था जिस पर पूरा परिवार निर्भर था। मिली जानकारी के अनुसार मृतक बिजली मिस्त्री जमुई के संजय भालोठिया नामक ठेकेदार के पास एक साल से काम करता था। वही मंगलवार को क्यूल नदी में टूटे तार को दुरुस्त करने के लिए ठेकेदार किउल नदी में गिरे 33 केभी तार एवं पोल को दुरुस्त करने के लिए ले गया था।


इस कार्य में अन्य मजदूर भी लगे हुए थे। सभी मजदूर पानी में गिरे तार को पकड़ बीच नदी पहुंचे तथा गिरे हुए एक पोल को उठाकर बाहर लाया। फिर तार के सहारे जब दूसरे पोल को लाने के लि बीच नदी की धारा में पहुंचा तो विवेक कुमार का हाथ तार से छूट गया और वह पानी की तेज धारा में बह गया।सभी मजदूरों के खोजबीन के पश्चात भी उसे नहीं खोजा जा सका तब परिजनों को सूचना दिया गया। घटना की जानकारी पाकर परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे तथा खोजबीन शुरू कर दी किंतु अधिक रात हो जाने के कारण उसे नहीं खोजा जा सका। बता दे की विवेक का कोई पता नहीं चला तब परिजनों ने ढाई घंटे तक सड़क जाम कर दिया।

जाम करने के दौरान मृतक के पिता ने मलयपुर थाना में आवेदन देते हुए बिजली विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी,एसडीओ,कनिय अभियंता के साथ संबंधित ठेकेदार सजंय भालोटिया पर विवेक को जबरन काम पर ले जाने तथा तार जोड़ने के दौरान पानी में गिरकर मौत हो जाने की आरोप लगाकर थाना में आवेदन दिया है।अपने दिए आवेदन में बिजली मिस्त्री के पिता ने बताया विश्वकर्मा पूजा होने के कारण विवेक काम पर जाना नहीं चाह रहा था। लेकिन ठेकेदार जबरदस्ती उसे काम पर ले गया ।कियुल नदी के पानी में काम करवाने के बावजूद वहां कोई सेफ्टी नहीं था। इतना ही नहीं जब विवेक में लापता हुआ तो ठीकेदार और विभाग के सभी कर्मी वहां से भाग खड़े हुए। उन लोगों द्वारा थाना पुलिस एवं परिजन को भी सूचना नहीं दी गई। बिजली मिस्त्री लापता हो जाने की सूचना जैसे ही मंगलवार की शाम अंचलाअधिकारी मंयक अग्रवाल को मिला वे कियुल नदी पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल में जुट गए ।

वहीं लापता में बिजली मिस्त्री के परिजनों बिजली तार मरम्मत करने के दौरान पानी में गिर जाने से मौत हो जाने की बात कह एनडीआरफ टीम को बुलाकर को खोजबाने की मांग की। किंतु जिला में एनडीआरएफ की टीम नहीं रहने की वजह से वह नहीं आ पाए।अंत में आक्रोशित होकर परिजनों ने बुधवार की सुबह सड़क जाम कर विवेक की बरामगी की मांग पर डटे रहे। अंत में जिला प्रशासन के द्वारा बेगूसराय से एसडीआरएफ टीम को बुलाया गया। टीम ने तैराकी करते हुए ड्रोन के माध्यम से दौलतपुर घाट से शव को बरामद किया। वही इस मामले पर अंचलाधिकारी मयंक अग्रवाल कहते हैं कि एनडीआरएफ की टीम आ रही है। उसके बाद खोज शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रक्रिया के तहत पीड़ित परिजनों को सारी लाभ दी जाएगी। वही मलयपुर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विकास कुमार कहते हैं कि लापता हुए मिस्त्री के पिता द्वारा आवेदन दिया गया है। आवेदन के आलोक में पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई कर पीड़ित परिजनों को इंसाफ दिलाएगी।


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