
राष्ट्रीय पोषण माह के गतिविधियों की जिलाधीश ने किया समीक्षा ।
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गुरुवार को जिलाधीश अभिलाषा शर्मा ने समाहरणाल के संवाद कक्ष में बैठक कर राष्ट्रीय पोषण माह के गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की । समीक्षा के दौरान श्रीमती शर्मा ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए उचित पोषण जरूरी है। सही पोषण ही बेहतर स्वास्थ्य का सूत्र है। देश के हर नागरिकों को यह अधिकार है कि वह सुपोषित हो। भारत सरकार , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह मनाए जाने का निर्देश दिया है। इस आलोक में जिला के आंगनवाड़ी केंद्रों पर उल्लास और उमंग के साथ राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य कुपोषित बच्चों को भागीरथी प्रयास के जरिए सुपोषित किया जाना है।
पोषण माह इसके लिए एक बेहतर अवसर है। नामित जन सहभागिता के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें और उन्हें कुपोषण से बचने का संदेश दें। उन्होंने स्वस्थ शिशु हेतु गर्भवती और धात्री माताओं को सही पोषण के लिए सजग और सचेत रहने की सलाह देते हुए कहा कि कुपोषण से मुक्त होने के लिए पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। नवजात को जन्म से छः माह तक केवल स्तनपान कराएं। इसके बाद मां की दूध के अलावे उन्हें ऊपरी आहार का सेवन कराना चाहिए। इसके तहत दाल का पानी , मसला हुआ आलू , केला , चावल खिलाया जा सकता है। पोषण के साथ-साथ बच्चों को बिमारियों से बचाने के लिए स्वच्छता जरूरी है। घर के साथ बच्चों की देखभाल के दरम्यान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर में सहजन का पौधा लगाएं और आसपास भी पेड़ की सुरक्षा करें ताकि विशुद्ध जीवनदायिनी हवा मिल सके। डीएम ने इस वर्ष के पोषण माह का थीम एनीमिया , प्रौद्योगिकी , समग्र पोषण और पढ़ाई रहने की बात बताते हुए कहा कि महिला एवं बच्चों में एनीमिया हमारे लिए चुनौती है। इसमें सुधार के लिए जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। वही कार्यक्रम में एडीएम सुभाष चंद मंडल , डीडीसी सुमित कुमार , आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि रंजन , सीडीपीओ समेत कई अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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