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विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पर मंच द्वारा प्रकृति संसाधन संरक्षित करने का दिया गया संदेश।

विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पर मंच द्वारा प्रकृति संसाधन संरक्षित करने का दिया गया संदेश।



जैसे-जैसे मानवता आगे बढ़ती है, हमारे लिए पेड़ों और जानवरों जैसी प्राकृतिक प्रजातियों का संरक्षण करना महत्वपूर्ण होता जा रहा है। यदि इनकी संरक्षण अब नहीं होगी तो ना तो मानव जीवन रहेगा और ना ही सृष्टि उक्त बातें विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर साईकिल यात्रियों द्वारा बताया गया। अपने नियमित रविवारीय यात्रा के 447वें यात्रा के क्रम में आज श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम से आधा दर्जन सदस्यो के साथ साईकिल यात्रा निकाली गई जो जमुई बाजार, भाछियार, गरसंडा होते हुए दाबिल ग्राम पहुंची। जहां सदस्यो द्वारा दो दर्जन पौधारोपण कर लोगो को प्रकृति संसाधन को संरक्षित करने के लिए संदेश दिया गया। इस अवसर पर दाबिल ग्राम के निजी जमीन पर एव एस बी इंटरनेशनल स्कूल परिसर में दो दर्जन पौधारोपण किया गया। मंच के सदस्य सचिराज पद्मकर ने बताया की प्रकृति हम इंसानों के लिए बेहद ही जरुरी है। यदि हम यह कहे कि प्रकृति हैं तो हम हैं, तो शायद कुछ गलत नहीं होगा।

लेकिन एक तरफ यह भी सच है कि लगातार दुनियाभर में बढ़ रहे प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते प्रकृति दूषित हो रही है। ऐसे में प्रकृति की हिफाजत करने और लोगों को प्रकृति की अहमियत समझाने की आज सामूहिक जरूरत बन गई है। मौके पर उपस्थित टिंकू पासवान ने बताया की विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस मानने का उदेस्य यह की हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि प्रकृति संसाधन को सहेजे परंतु इंसान की अधिकांश समस्याएं खुद की ही पैदा की हुई हैं और अधिकांश संकट भी उसके खुद के प्रकृति के दोहन की वजह से हैं। चाहे पीने का पानी हो या नदी पहाड़ पशु पक्षी के अस्तित्व को समाप्त करना। इसे बचाए रखने का निरंतर प्रयास होना चाहिए। इस अवसर पर सचिराज पद्मकर, हर्ष कुमार सिन्हा, राकेश कुमार, टिंकू पासवान, शिक्षक दिवाकर कुमार, अमरेश कुमार, दाबिल के वार्ड सदस्य रामाकांत जी सहित विधालय के छात्र छात्रा एव ग्रामीण उपस्थित थे।

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