मन को रोमांचित करती है कटीन जलाशय ।
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संजीव ( बेगसराय ) सुहावना मौसम , खिली धूप और निहारने को दूर-दूर तक फैली हरी-भरी खेतों में लहलहाती फसलें । साहेबपुर कमाल प्रखंड के कटीन जलाशय का दृश्य कुछ ऐसा ही लगता है । कुदरत के इस सुकून और खुबसूरती को आप आखों में भर लें,
यहां ये कम नहीं होने वाला है । बेगूसराय जिला मुख्यालय से पूरब लगभग 30 किलोमीटर दूर साहेबपुर कमाल प्रखंड अंतर्गत एक छोटा -सा बाजार है कुरहा । इस बाजार से उत्तर चौकी गांव की ओर जाने वाली सड़क करीब आधे किलोमीटर की दूरी पर कटीन जलाशय ( झील ) स्थित है । इस झील के बारे में कई लोगों का कहना है कि वर्ष 1971 के पहले यहां झील नहीं था । वर्तमान में जो जलाशय है वहां पर रेल पटरी बिछा था ।
साहेबपुर कमाल स्टेशन से मुंगेर घाट तक पेसेंजर ट्रेन का परिचालन होता था । जो घाट गाड़ी के नाम से जाना जाता था ।अगल-बगल की जमीन पर खेती - बारी होती थी । जानकार यह भी बताते हैं कि वर्ष 1971 में भयंकर बाढ़ आई थी । रेल पटरी बाढ़ के पानी से लबालब था । रेल लाइन को टूटने से बचाने के लिए मुसलाधार बारिश के बाबजूद हजारों मजदूर दिन-रात काम कर रहे थे । लेकिन आधी रात को रेल लाइन टूट गई । पानी की तेज बहाव के चलते करीब हजार फीट लंबी - चौड़ी खाई बन गई । ट्रेन के सात बॉगी भी इस खाई में विलीन होने की चर्चा है । करीब 100 फीट गहराई होने की बात कही जाती है । इस झील ( जलाशय ) का पानी कभी नहीं सुखा है ।
जिसका फायदा मवेशियों को हो रहा है । भैसें भी गर्मी से राहत पाने के लिए इस कटीन झील में हिलोरें मारते हैं । इस जलाशय में मछली पालन भी होता है । जिसका टेंडर रेल विभाग करता है ।कटीन जलाशय की प्राकृतिक खूबसूरती ऐसी है कि यहां हर कोई कुछ पल बिताना चाहते हैं । सुबह शाम सैर करने वालों की जमघट रहती है इस झील के किनारे । क्योंकि यह जलाशय मन को रोमांचित करती है ।

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