
जमुई जिला को पहली बार मिला महिला जिलाधिकारी।जिला बने हुए बीत गया 33 साल
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जमुई। आकाश राज की रिपोर्ट
जमुई जिले को पहली बार महिला जिलाधिकारी के रूप में अभिलाषा शर्मा आई है। जबकि जमुई जिला बने हुए भले ही 33 साल हो चुका है लेकिन 33 साल के दौरान अभी तक जमुई जिला को महिला जिलाधिकारी आज तक नहीं मिला था। जमुई के जिलाधिकारी राकेश कुमार के ट्रांसफर के बाद अब जमुई के नए जिलाधिकारी के रूप में अभिलाषा शर्मा को जमुई के नए जिलाधिकारी के रूप में पद स्थापित होना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जमुई जिले के बुजुर्ग लोगों का कहना है कि जब मुंगेर जिला के अंतर्गत लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, बेगुसराय व खगड़िया मुंगेर जिला में था। उसी समय एक महिला जिलाधिकारी के रुप में बी भामंती मुंगेर के डीएम के रूप में आई थी। बी भामंती का स्वभाव आमलोगों के लिए काफी सरल था। भले ही अधिकारियों के बीच काफी कड़क मिजाज के लिए जानी जाती थी।
जमुई जिले के लोग बी भामंति को अपने कार्य कुशलता और आम लोगों के बीच अच्छे स्वभाव के लिए आज भी याद करते हैं। साथ ही साथ ही जमुई जिले के बरहट प्रखंड के डेम टूट रही थी। डीएम मुंगेर वि भामंति और संवेदक धनराज सिंह के कठिन मेहनत के कारण बरहट डेम को बचाया गया। बरहट टूटने से बरहट प्रखंड सहित जमुई के लक्ष्मीपुर गिद्धौरके साथ साथ आधा जमुई बरहट डेम की पानी का शिकार हो जाते और जिले के लोगों बाढ़ की चपेट में आ जाते। इससे जमुई की बहुत बड़ी हानि होने वाली थी लेकिन डीएम भी भामंती अपने कार्य कुशलता और संवेदक धनराज सिंह की कठिन मेहनत ने जमुई जिले को जल मग्न होने से बचा लिया जिसके कारण आज भी जमुई जिले के बुजुर्ग डीएम बी भामंति को याद करते हैं।
1991 में जमुई जिला की स्थापना हुई। जमुई जिला बने हुए करीब 33 साल हो चुका है। 33 साल की लम्बी दूरी जिला को तय किए हुए हो चुका है। 33 साल के दौरान दर्जन भर जिलाधिकारी जमुई जिला को मिला लेकिन एक भी महिला जिलाधिकारी आज तक जमुई जिला को नहीं मिला था। अभिलाषा शर्मा जमुई जिला की प्रथम महिला जिलाधिकारी के रूप में होगी। जमुई जिला 1991 में बना है। 1991 से लेकर 2024 के 7 सितम्वर तक महिला जिलाधिकारी जमुई जिला को नहीं मिला था।
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