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मनरेगा में हम भी खाएंगे तुम भी खाओ का प्रचलन खूब तेजी से चल रहा है।एक काम के लिए दो योजना से निकल गए पैसा।

मनरेगा में हम भी खाएंगे तुम भी खाओ का प्रचलन खूब तेजी से चल रहा है।एक काम के लिए दो योजना से निकल गए पैसा।



शुक्रवार को लक्ष्मीपुर निवासी जनार्दन कुमार साव के द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन देते हुए मनरेगा में हो रहे लूट के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया साथी उन्होंने कहा कि जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड में छठ घाट के निर्माण में और अनियमितता की सारी हदें पार कर दिया गया जहां मिटटी भराई के नाम पर 105000 की अवैध निकासी हो गई। वही पंचायत में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर सरकारी राशि की लूट मची है। यहां मनरेगा के साथ ही पंचायत की 15वें वित्त आयोग की योजना में भी भ्रष्टाचार हो गया। जिस कार्य को मनरेगा से एक बार किया फिर उसी कार्य में 15वीं वित्त आयोग की योजना से भी राशि की निकासी कर ली गई। मनरेगा से रोजगार सेवक ने 2.31 लाख और 15वें वित्त आयोग से पंचायत सचिव ने 1.05 लाख रुपए निकाल लिए।

दोनों ने एक ही कार्य के लिए अलग-अलग योजना से राशि निकाली। मामला खिलार पंचायत के घोरलाही स्थित झालू आहर में छठ घाट के निर्माण से जुड़ा है। 2023-24 में योजना संख्या 02/2023-24 व योजना कोड 61904968 के तहत 9.74700 से छठ घाट का निर्माण कराया गया। छठ घाट निर्माण के लिए जो प्राक्कलन बनाया गया, उसमें मिट्टी भराई के लिए 1.05 लाख रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस झालू आहर में छठ घाट निर्माण के लिए मिट्टी भराई का प्रावधान किया गया। उस आहर की मरम्मत मनरेगा से छठ घाट निर्माण के कुछ ही दिन पूर्व ही करई जा चुकी थी। दिए गए आवेदन में खिलार पंचायत के मनरेगा योजना की सूची इसके प्रमाण हैं।

सूची में वर्क कोड 0550006013/WH/42286 के तहत खिलार पंचायत के घोरलाही में झालू आहर का मरम्मत कार्य किया गया है। जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति संख्या 0550006/2023-24/8207 6/AS है। 8 लाख 74 हजार की प्राक्कलित राशि में मजदूरी मद में 2 लाख 31 की निकासी भी की गई। वही 15वें वित्त आयोग की योजना छठ घाट निर्माण का कार्य कराकर मिट्टी को भराई के नाम पर 1 लाख 9 हजार 108 रुपए की राशि अवैध तरीके से निकाल ली गई। साफ है कि दोनों मद का योजना स्थल एक ही होने के कारण एक ही कार्य के बदले दोहरी निकासी कर उक्त योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक व संबंधित पंचायत के मुखिया ने राशि का बंदरबांट कर लिया।

प्रावधान के मुताबिक एक ही स्थल पर दो योजना से एक साथ कार्य नहीं किया जा सकता है। मनरेगा में इस पंचायत में भ्रष्टाचार का यह कोई नया मामला नहीं है इससे पहले भी मनरेगा के कार्य में बंदरबात हो चुका है जहां पोखर में फसल लगा दिया जाता है जहां भ्रष्टाचार ऐसा की खेत पोखरी में फसल लगा हुआ है।

6013/IF/20985594 राजेंद्र टुडू के निजी जमीन में खेत पोखरी का निर्माण करवाया गया लेकिन वह निर्माण पेपर पर सही ढंग से कार्य करवाया गया और पैसे का निकासी भी हो गया लेकिन धरातल पर पोखरी में फसल लगा दिया गया है जिसकी जानकारी पियो साहब को बखूबी है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। बता दे की बीते 29 नवंबर 2024 को इसी पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार की समस्याओं को लेकर डीएम को एक लिखित आवेदन देकर शिकायत की गई।

शिकायत में वार्ड सदस्यों ने बताया की पंचायत चुनाव के 3 साल बीत जाने के बाद भी मुखिया द्वारा मनमानी किया जा रहा है। चुनाव के 3 साल बीतने के बाद भी आज तक न तो अस्थाई समितियों का गठन किया गया है और न ही कार्यकारिणी वार्ड सदस्यों का एक भी बैठक किया गया है।लेकिन ग्राम पंचायत खिलार के मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक एवं कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा लक्ष्मीपुर के मिली भगत से सारे नियम और कानून को ताक पर रखते हुए नियम के विरुद्ध धरल्ले से योजना की स्वीकृति एवं बिना ग्राम पंचायत कार्यकारिणी के पारित किए हुए योजनाओं में धड़ल्ले से भुगतान किया जा रहा है।

वहीं वार्ड सदस्यों ने डीएम से मामले की जांच कर मुखिया के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। वही इस संबंध में संबंधित पदाधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। कार्य में अनियमित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा गलती करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी

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